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कृषि उद्योग

कृषि उद्योग को बढ़ावा देगी पंजाब सरकार

कृषि उद्योग को बढ़ावा देगी पंजाब सरकार

पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कारर्पोशन के चेयरमैन और पूर्व मंत्री .जोगिन्द्र सिंह मान ने आज कहा है कि सरकार कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देकर किसानों की तकदीर बदलेगी।

यहाँ कारर्पोशन के कार्यालय में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 245वीं मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये पी..आई.सी. के चेयरमैन जिनके साथ मैनेजिंग डायरैक्टर मनजीत सिंह बराड़ भी मौजूद थे। उन्नेहोंने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार कारर्पोशन राज्य में कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अथक मेहनत कर रहा है। यह समय की ज़रूरत है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि किसानों को उनकी वस्तुओं के लाभप्रद भाव मिलेें और वह राज्य की आर्थिक खुशहाली में सक्रिय भागीदार बन सकें। श्री मान ने कहा कि कारर्पोशन पर पंजाब को अनाज पैदा करने वाले राज्य से कृषि उद्योग का केंद्र बनाने का जिम्मा है।

चेयरमैन ने कहा कि कारर्पोशन कृषि विभिन्नता और फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव यत्न करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उद्योग सैक्टर को बढ़ावा देने के लिए कारर्पोशन एक नोडल एजेंसी है। श्री मान ने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों ने अपनी सख्त मेहनत से देश में हरित, श्वेत और नीली क्रांति लाई और अब समय गया है कि उनकी उद्यमशीलता को कृषि उद्योग में उभारा जाऐ जिसके लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ठोस यत्न कर रही है।

चेयरमैन ने आगे कहा कि राज्य में कृषि उद्योग की बड़ी संभावना है जिसका प्रयोग पंजाब के किसानों की किस्मत बदलने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के किसानों की तकदीर बदलने के सपने को जल्द साकार करने को यकीनी बनाने के लिए कारर्पोशन की तरफ से हर संभव यत्न किया जायेगा। श्री मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना के अनुसार कारर्पोशन किसानों की आय को पूरक करने के लिए पंजाब भर में कृषि आधारित उद्योगों को उत्साहित करने के लिए ठोस यत्न करेगी।

 

आंध्र प्रदेश ने पंजाब को इस मामले में पीछे छोड़ प्रथम स्थान हासिल किया।

आंध्र प्रदेश ने पंजाब को इस मामले में पीछे छोड़ प्रथम स्थान हासिल किया।

आंध्र प्रदेश आज कृषि के क्षेत्र में अच्छे राज्य की भूमिका अदा कर रहा है। यहां के किसानों को खेती के लिए कर्ज देने में आंध्र प्रदेश सरकार प्रथम स्थान पर आ गयी है। हालाँकि आजकल हर राज्य सरकार अपने अपने राज्यों के किसानों के लिए भांति भाँति की योजनाएं ला रही हैं, जिससे उनके राज्यों के किसान अच्छा मुनाफा और पैदावार हासिल कर सकें। साथ ही कृषि जगत से जड़ी नवीनतम तकनीकों को अपना कर एक आय का बेहतर स्त्रोत बना सकें। आंध्र प्रदेश सरकार राज्य के किसानों की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बतादें कि आंध्र प्रदेश के किसानों को आज पहले से अधिक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड; NABARD) के दस साल के एक शोध से पता चला है। नाबार्ड के शोध में बताया गया है कि भारत में आंध्र प्रदेश किसानों को खेती के लिए कर्ज देने में प्रथम स्थान पर है। अध्ययन के अनुसार १० वर्षों से ज्यादा वक्त तक सर्वोच्च स्थान पर अड़िग पंजाब द्वितीय फिसलकर दूसरे नंबर पर आ गया है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ने 2011-12 और 2021-22 के मध्य कृषि उद्योग हेतु कर्ज संवितरण के आंकड़ों की जांच पूर्ण की है।

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बैंकों से ऋण की उच्च दर प्राप्त हो सकती है

शोधानुसार, आंध्र प्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिये प्रयास किये हैं। सरकार का यह प्रयास काफी सफल भी रहा है। इसी वजह से आंध्र प्रदेश के किसानों को पंजाब की अपेक्षा में 1 लाख प्रति हेक्टेयर की तुलना में लगभग 129 लाख प्रति हेक्टेयर भूमि मिली है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि आंध्र प्रदेश में किसानों को तंबाकू, कपास, हल्दी और मिर्च सहित नकदी-समृद्ध वाणिज्यिक फसलों की अच्छी खेती के अनुरूप बैंकों से कर्ज लिया जाता है। मीडिया के अनुसार, पूर्व वर्ष में सर्वाधिक कर्ज भारत के दक्षिणी भाग से था। बतादें कि २०११ में केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित कर्नाटक राज्य का प्रति एक किसान परिवार बकाया कर्ज की सर्वाधिक औसत राशि वाले परिवार थे। जिसमें हर एक किसान परिवार कर्ज का कुल ७४,१२१ , आंध्र प्रदेश और केरल में क्रमशः 2.45 लाख रुपये और 2.42 लाख रुपये हैं।